नई दिल्लीः अब टेस्टी समोसे और रसभरी जलेबी के साथ सेहत की चेतावनी भी आएगी। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर के केंद्रीय संस्थानों को डीप फ्राइड स्नैक्स के साथ तेल और शक्कर की मात्रा की जानकारी लगाने का आदेश दिया है। यानी अब वेंडर्स को बताना होगा कि जो नास्ता वो परोस रहे हैं उसका स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है या फिर उसमें कितनी चीनी या कोई और पदार्थ है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खाने की लेबलिंग को सिगरेट की चेतावनियों जितना गंभीर बनाने का पहला कदम है। चीनी और ट्रांस फैट अब नए 'तंबाकू' हैं। लोगों को हक है कि वो जानें कि वो क्या खा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि हम रोजाना जो कुछ भी खाते-पीते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है, यही कारण है कि कम उम्र से ही आहार को लेकर विचार करना और पौष्टिक चीजों की ही भोजन में शामिल करना आवश्यक हो जाता है। गलत खान पान की वजह से मोटापा तो बढ़ता ही है साथ ही इसके कारण लोग तेजी से हाई शुगर, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का भी शिकार होते जा रहे हैं।
अब केंद्र सरकार की इस नई शुरुआत के तहत जंक फूड्स और अस्वास्थ्यकर भारतीय स्नैक्स, पकौड़े-लड्डू से लेकर वड़ा पाव और गुलाब जामुन तक में छिपी वसा और चीनी की मात्रा के बारे में लोगों को बताया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मंचों से मोटापे की बढ़ती समस्या को लेकर चिंता जताते रहे हैं, उन्होंने खाने के तेल में कटौती की सलाह दी है। इसी क्रम में ये कदम भी काफी सराहनीय है।